नवजात बच्चों को दस्त होने पर इन बातों का रखें विशेष ख़्याल
नवजात बच्चों को दस्त की समस्या जल्दी चपेट में लेती है। इस दौरान बच्चों की देखभाल बेहद आवश्यक है। इसमें लापरवाही होने के कारण बच्चे कई तरह की शाारीरिक कमियों की चपेट में आ सकते हैं। केवल इतना ही नहीं इससे बच्चों की सम्पूर्ण शारीरिक विकास भी प्रभावित हो सकता है।
दस्त होने के कारण के पीछे वायरस जिम्मेदार है। रोटा वायरस नवजात शिशुओं और बच्चों में दस्त का कारण बनता है। यह विषाणु अंतडिय़ों को क्षतिग्रस्त कर देता है। जिसके कारण गैस्टरोऐंटेराइटिस हो जाता है। यह आंत की अंदरूनी परत को क्षति पहुंचाता है।
क्षतिग्रस्त परत से तरल पदार्थ का रिसाव होता है। जिसके कारण पोषक तत्वों का समाहरण किए बिना ही शरीर से पोषक तत्व निकल जाते हैं। अधिकांश बच्चे पांच साल की उम्र से पहले ही कई बार इस विषाणु की चपेट में आते हैं। 6 से 24 माह के बच्चे को इस संक्रमण का अधिक खतरा रहता है।
डायरिया होने की हो सकती है ये वजह
- फॉर्मूला दूध अगर सही अनुपात में जलमिश्रित (डायल्यूट) न किया जाए
- सर्दी-जुकाम
- एंटिबायोटिक्स
- एलर्जी
- भोजन विषाक्तता
- एंजाइम की कमी (कुछ दुर्लभ मामलों में)
- ऐसे करें उपचार
सुनिश्चित करें कि आपका शिशु अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करे, ताकि उसके शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) न हो सके। अगर आपका शिशु उचित मात्रा में स्तनपान या फॉर्मूला दूध पी रहा है, तो ये जारी रखें।
इसके साथ-साथ, थोड़े बड़े शिशुओं को बीच-बीच में पानी, ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओ.आर.एस.) या इलेक्ट्रोलाइट घोल के घूंट भी पिलाए जा सकते हैं।
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