प्रेगनेंसी के दौरान किस तरह की डाइट को शमिल करें, जानिये यहां



गर्भावस्था ऐसा समय होता है, जब अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इस दौरान गर्भवती महिला को खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए नहीं खाना चाहिए, बल्कि उसे अपने अंदर पल रहे बच्चे आवश्यक पोषण को भी ध्यान में रखना चाहिए। बच्चे के शरीर का संपूर्ण विकास मां के गर्भ से होने लगता है, इसलिये इस दौरान डाक्टर अच्छी डाइट लेने की सलाह देती है। आइये जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान किस तरह की डाइट को अपनाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।


हमारी इंडियन डाइट में कई तरह के विकल्प होते हैं। जिसमें कि अगर आप सब्जियां खाने की शौकीन है तो आपके पास इसके लिये असीमित विकल्प है। गर्भावस्था के दौरान कई महत्वपूर्ण तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसमें कि फोलिक एसिड सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। भारतीय महिलाओं में आयरन की कमी एक आम समस्या है, और गर्भावस्था के दौरान आयरन की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। इस दौरान डॉक्टर की सलाह पर आयरन की गोली लें, साथ ही आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। जैसे कि पालक, तरोई, सेब आदि। आलू एक ऐसा विकल्प है जिसे आप कई तरह से अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपनी डाइट में वसा और विटामिन अवश्य शामिल करना चाहिए। जो कि बढ़ते हुए बच्चे और मां दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। आइये जानते हैं कि गर्भवती महिला कौन-कौन से खाद्य पदार्थ अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।

डेयरी

गर्भावस्था के दौरान दूध, दही जैसे उत्पाद प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। जिसमें पाश्चुरीकृत पनीर कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत है

दालें

दाल प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अगर आप शाकाहारी हैं तो प्रोटीन का दाल से अच्छा कोई विकल्प नहीं है।

ड्राई फ्रूट्स और मेवे

ड्राई फ्रूट्स प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। जिसमें बादाम, पिस्ता, खजूर और अखरोट शामिल हैं।

मांस और मछली

अगर आप मांसाहारी हैं, तो मांस और मछली प्रोटीन के अच्छे स्त्रोतों में से एक है। अंडे की सफेदी एक अच्छा प्रोटीन स्रोत है। जबकि मटन आयरन का एक अच्छा स्रोत है, मछली में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड बच्चे में एलर्जी के जोखिम को कम करने और बच्चे के विकास को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

अगर आपको मछली से किसी प्रकार की एलर्जी है तो डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।

ताजा फल

कब्ज जो गर्भावस्था के दौरान एक आम शिकायत है। फाइबर का सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है, जिसके लिये ताजा मौसमी फल और साग एक सही विकल्प हैं और आसानी से उपलब्ध हैं। यह सारी सब्जियां और फल बहुत सारे आवश्यक विटामिन और खनिज भी प्रदान करते हैं। तरबूज गर्भावस्था के दौरान सबसे अच्छे फलों में से एक है आम, संतरे और नींबू विटामिन सी प्रदान करते हैं।

सब्जियां

सब्जियों में कई तरह के खनिजों स्रोत पाये जाते हैं, जिसमें कि हरी, पत्तेदार सब्जियां को अपनी डाइट में अवश्य शामिल करें। प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में फोलिक एसिड या विटामिन बी, आयरन को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। टमाटर में विटामिन सी पाया जाता है, साथ ही मटर और ब्रोकोली कुछ ऐसी सब्जियां हैं जिन्हें गर्भावस्था के आहार में शामिल किया जाना चाहिए।

तरल पदार्थ

गर्भवती महिलाओं के लिये तरल पदार्थ को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। जितना संभव हो सके आप पानी पियें और खुद का हाइड्रेट रखें। नारियल पानी, फलों के जूस को रोजाना पिये, लेकिन पैकड जूस का सेवन नहीं करे। क्योंकि इस तरह के पैकेड जूस में कई तरह के रासायनिक तत्व मिले होते हैं।


गर्भवती महिलाओं के लिये डाइट प्लान

सुबह के नाश्ते से पहले - लगभग 7 बजे

गर्भवती महिलाओं के लिए नाश्ते से पहले कुछ हल्का-फुल्का खाना चाहिए। जैसे कि आप बिस्किट, ड्राई फ्रूटस ले सकती हैं।

नाश्ता - लगभग 9 बजे


पोहा और रवा-उपमा बहुत ही आम इंडियन ब्रेकफास्ट है। पोहा में आयरन और कार्ब्स की अच्छी मात्रा होती है, और रवा उपमा में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम (कम वसा वाले ऊर्जा स्रोत होने के साथ) जैसे खनिज होते हैं। इसक अलावा आप स्टफ्ड पराठा भी, वेजिटेबल, सैडविंच, मिस्सी रोटी, को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।

मिड-मॉर्निंग स्नैक्स - सुबह 11 बजे से दोपहर तक

प्रेगनेंसी डाइट चार्ट में सूप को भी शामिल करने का सुझाव दिया जाता है। सूप भी पोषक तत्वों से भरे होते हैं। जैसे कि चिकन, टमाटर, पालक, गाजर और चुकंदर के सूप को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

दोपहर का भोजन - दोपहर 1.30 बजे

दही के साथ सूखी चपाती या पराठे चिकन करी और रायता के साथ चावल दोपहर के भोजन के लिए एक और अच्छा विकल्प है। चिकन प्रोटीन और (विटामिन बी 3) का एक बड़ा स्रोत है।
खिचड़ी एक और भारतीय पसंदीदा, दही चावल की तरह दोपहर के भोजन के लिए एक स्वस्थ और हल्का विकल्प है

इवनिंग स्नैक्स - (लंच और डिनर के समय के बीच स्नैकिंग रखें)

गर्भवती महिलाओं के लिए प्री-डिनर यानी कि शाम के स्नैक्स बहुत महत्वपूर्ण हैं। स्नैक्स में आप हलवा, इडली, स्मूदी, भुनी हुई मूंगफली, हल्के तले हुए कटलेट और ड्राई फ्रूटस शामिल कर सकती हैं।

रात का खाना - सुबह 8 बजे

प्रेगनेंसी के दौरान रात का डिनर हल्का ही करें। जैसे कि दाल-चावल, चपाती, के अलावा खिचड़ी, दही, पराठे और किसी भी तरह की करी भी पोषण का एक अच्छा स्रोत हैं।
सोने से पहले एक गिलास दूध और कुछ खजूर को भी अपनी डाइट में शामिल करें।


गर्भावस्था के दौरान इन बातों का हमेशा ध्यान रखें-

गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की डाइट को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले।

प्रेगनेंसी के दौरान आप जो कुछ भी खाती हैं उसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। इस दौरान स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन बिल्कुल नहीं करे, साथ ही खाने में भी सावधानी बरतें। अगर आप चाइनिज खाने की शौकीन हैं तो इससे बचें, क्योंकि चाइनिज फूड में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो आपके बच्चे की सेहत के लिये हानिकारक होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान विटामिन बी की कमी से शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष हो जाता है। इसलिये विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें।
योगा, मेडिटेशन को अपनी रुटीन में शामिल करें, लेकिन एक्सपर्ट की राय के अनुसार ही।
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह का तनाव आपके बच्चे की सेहत के लिये हानिकारक हो सकते हैं।

निष्कर्ष-

इस दौरान खुश रहिये, किसी भी तरह का मानसिक तनाव ना लें। क्योंकि आप जितना खुश और प्रस्नचित रहेगी उसका सीधा असर आपके होने वाले बच्चे पर होता है।