आरटीई प्रवेश के नियम, फॉर्म, दस्तावेज़ व परिणाम
आपने टीवी पर ‘पढ़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया‘ स्लोगन सुना ही होगा। आजादी के बाद से ही विभिन्न नीतियों के साथ भारतीय सरकार का एक बड़ा उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना भी रहा है। शिक्षा को सभी वर्गों में समान बनाने के लिए संविधान में ‘शिक्षा का अधिकार’ (RTE) को अलग से जगह दी गई है, ताकि देश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए। वहीं, जानकारी के अभाव में कुछ लोग इन अधिकारों का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
अगर आपका बच्चा भी इस अधिकार से वंचित हैं और आप RTE व इसमें मौजूद विशेष प्रावधानों के विषय में कुछ नहीं जानते, तो मॉमजंक्शन का यह लेख आपके लिए मददगार साबित होने वाला है। इस लेख में हम आरटीई के तहत स्कूल में दाखिले से लेकर कई जरूरी जानकारी साझा करने जा रहे हैं। सबसे पहले हम जानते हैं कि आरटीई क्या है?
आरटीई (RTE) क्या है?
भारत के संविधान (86वां संशोधन, 2002) में आर्टिकल-21ए को सम्मिलित किया गया है। इसके अंतर्गत 6 से 14 साल के सभी बच्चों को उनके नजदीक के सरकारी स्कूल में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है। यहां नि:शुल्क शिक्षा का तात्पर्य है कि बच्चों के अभिभावकों से स्कूल की फीस, बच्चे के यूनिफार्म और पुस्तकों के लिए कोई पैसे नहीं लिए जाते हैं। वहीं, इस अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत बच्चों का नामांकन बिना किसी शुल्क के किया जाता है। इस वर्ग में इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन यानी आर्थिक रूप से कमजोर और डिसएडवांटेज ग्रुप (जैसे – अनुसूचित जाति (SC) – जनजाति (ST) और अनाथ) को शामिल किया गया है|
आगे जानिए कि इस अधिनियम को कब लागू किया गया।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम कब लागू हुआ? | RTE Ka Kanoon Kabse Aaya
यह बिल 2 जुलाई 2009 को कैबिनेट द्वारा मंजूर किया गया था। फिर राज्य सभा में 20 जुलाई 2009 और लोक सभा में 4 अगस्त 2009 को मंजूर किया गया। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर इस अधिनियम को 1 अप्रैल 2010 को पूरे भारत में लागू कर दिया किया गया ।
अब लेख के आगे के भाग में आप जानेंगे कि क्या है आरटीई की प्रमुख विशेषताएं।
आरटीई की प्रमुख विशेषताएं
इसे हम निम्न बिंदुओं के जरिए समझ सकते हैं:
आगे जानिए कौन से कौन से बच्चे आरटीई अधिनियम के तहत योग्य हैं।
आरटीई के तहत आवेदन करने की योग्यता – Eligibility To Avail Admission Under The RTE Act
आरटीई अधिनियम के तहत स्कूल में प्रवेश पाने की योग्यता के बारे में कुछ जानकारी नीचे दी गई है
आगे जानिए कि आरटीई के तहत प्रवेश के लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होती है।
आरटीई प्रवेश के लिए लगने वाले दस्तावेज
नीचे हम इस संबंध में लगने वाले सभी जरूरी दस्तावेजों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
इस लेख के आगे के भाग में आरटीई एडमिशन की प्रक्रिया के बारे में जानिए।
आरटीई एडमिशन की प्रक्रिया
आरटीई का ऑनलाइन फॉर्म कैसे भरें?
कई लोग इस फॉर्म को ऑनलाइन भी भर सकते हैं, इसके लिए नीचे बताई गई प्रक्रिया पर ध्यान दें।
नोट : अभी हम यहां सीमित राज्यों के बारे में ही जानकारी दे रहे हैं। अन्य राज्यों के बारे में जानकारी मिलते ही, इस सूची को फिर से अपडेट किया जाएगा।
आगे जानिए आरटीई के परिणाम की प्रक्रिया।
आरटीई के परिणाम (लॉटरी सिस्टम)
आरटीई के परिणाम निजी स्कूलों में माता-पिता के सामने लॉटरी सिस्टम द्वारा निकाले जाते हैं
। फिर हर लॉटरी सिस्टम के बाद एडमिशन की प्रक्रिया के लिए तिथि का चुनाव होता है और उसी तिथि को बच्चों का नामांकन कराया जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आरटीई फॉर्म कब निकलते है?
हर राज्य में स्कूल का सत्र (session) अलग-अलग होता है, कहीं जनवरी में तो कहीं मार्च-अप्रैल में शुरू होता है। ऐसे में इसकी बेहतर जानकारी राज्य के शिक्षा विभाग की वेबसाइट से मिल सकती है।
आरटीई (RTE) एडमिशन की लास्ट डेट कैसे पता करें?
हर राज्य के अपने नियम होते हैं, तो ऐसे में आरटीई एडमिशन की लास्ट डेट के बारे में आपको इंटरनेट, राज्य सरकार की वेबसाइट, टीवी न्यूज व अखबार से पता चल जाएगा। साथ ही जिस स्कूल में आप फॉर्म भर रहे हैं, उस स्कूल से भी पता लग जाएगा। कई बार स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी इसकी तिथि के बारे में नोटिस लगा दिया जाता है।
क्या यह सच है कि आरटीई के तहत किसी भी बच्चे को निष्कासित या फेल नहीं कर सकते?
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि आरटीई के तहत जब तक बच्चे की प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं हो जाती, तब तक उसे न रोका जाएगा, न निकाला जाएगा और न ही बोर्ड परीक्षा में आगे किया जाएगा। अगर कोई अभिभावक चाहता है, तभी उसे हटाया जा सकता है, लेकिन इसे किसी भी तरह से बच्चे की असफलता में नहीं गिना जाएगा।
क्या आरटीई सिर्फ गरीब बच्चों के लिए है?
आरटीई का उद्देश्य उन बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है जिनके पास सीमित या कोई संसाधन नहीं है और जो लोग सुविधाहीन हैं। इसमें समाज के वो वर्ग भी शामिल हैं, जो संपन्न नहीं हैं। इसका उद्देश्य सभी बच्चों को शिक्षा की गारंटी देना है। इसका मतलब है कि विभिन्न पृष्ठभूमि के बच्चों को अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। आरटीई अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि बच्चों को स्वयं अध्ययन करने और सशक्त बनने का अवसर मिले। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, क्योंकि शिक्षा हर किसी का अधिकार है।
शिक्षा सभी का अधिकार है और आरटीई का निर्माण इस बात का ध्यान रखते हुए किया गया है कि कोई भी बच्चा सुविधा के अभाव में अशिक्षित न रह जाए। आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपको आरटीई से जुड़े सवालों की जानकारी मिल गई होगी। अगर आप अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसे इसका लाभ उठाना चाहिए, तो आप उनसे इस जानकारी को जरूर साझा करें और इससे जुड़ी हर बात उन्हें बताएं। आरटीई अधिनियम से जुड़ी किसी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं।
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