बच्चों के कान में पानी जाने पर क्या करें – जानिए सावधानी और जरूरी उपाय




बच्चों के कान में पानी जाने पर क्या करें – जानिए सावधानी और जरूरी उपाय

सर्दियों की ठंडक सिमटने लगी है, और अब गर्मी का मौसम आ रहा है। ऐसे में नहाना और पानी में तैरना किसे पसंद नहीं? इसमें सबसे आगे होते है छोटे बच्चे, पर अधिक तैरने या नहाने से बच्चों के कान में पानी जाने की समस्या हो सकती है। हालाँकि गर्मी के मौसम में पसीना निकलने, और कान में जाने से भी परेशानी हो सकती है। और यदि यह पानी अथवा पसीना अंदर कान की नलिका में रह जाये, और बहार न निकल पाए। तो फिर छोटे बच्चों के कान में खुजली, जलन, दर्द या कुछ प्रकार की कान की बिमारी भी हो सकती है।



इसलिए यह जानना बेहद जरुरी है की छोटे बच्चों के कान में पानी जाने पर क्या करें? जानिये 


छोटे बच्चों के कान में पानी जाना
छोटे बच्चे पानी में खेलने के बहुत शौकीन होते है खासकर गर्मियों के मौसम में जब सूर्य का प्रताप अपने जोरों पर हो और गर्मी से हाल बेहाल हो तो ऐसे में पानी ही एकमात्र उपाय होता है, इस स्थिति से निपटने के लिए। पर यदि छोटे बच्चे बिना किसी कान की सुरक्षा के अधिक देर तक पानी में रहे तो यह हो सकता है, की कुछ मात्रा में पानी उनके कानों में चला जाये।

बच्चों के कान में पानी
हालाँकि यह एक आम सी प्रक्रिया है, क्योंकि अगर नहाते समय या पानी में डुबकी लगाते समय (During) आपके बच्चे या फिर आप खुद भी कानों की सुरक्षा नहीं करेंगे। तो फिर कान में पानी जाना बेहद साधारण सी बात है, और इसमें घबराने की कोई जरुरत नहीं है। यदि आपके नन्हे-मुन्हे बच्चे के कान में पानी चला गया हो। तो आपको बस उसे सावधानी से निकालने (nikalne) का तरीका (tareeka) आना चाहिए।

शिशु के कान में पानी जाने के लक्षण
यदि आपका भी बच्चा देर तक स्विमिंग पूल (तालाब) में तैरने का शौकीन है। या फिर उसे पानी से खेलना और नहाना बहुत पसंद है। तो फिर आपको थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। उसे पानी में जाने देने से पहले उसके कानो की सुरक्षा जरूर करें। अन्यथा इससे कान में पानी जाने से आपका शिशु (shishu) निम्नलिखित लक्षण की शिकायत कर सकता है –


  • नहाता हुआ बच्चा
  • कान बंद होना
  • कान में भारीपन
  • कान से कोई स्त्राव
  • बच्चे का कान बहना
  • कान में दर्द होना
  • कान में खुजली होना
  • कान में संक्रमण होना
  • कुछ अटका हुआ लगना
  • बच्चों में ओटिटिस मीडिया
  • कान में मवाद (पस) पड़ना
  • स्विमर्स ईयर (ओटिटिस एक्सटर्ना)
  • कान में दबाव महसूस होना

बच्चे के कान में पानी जाने के कारण
कान में पानी जाने का कारण (karan) सीधा सा है। यदि आपके छोटे बच्चे खेलने या मौज-मस्ती के लिए अधिक देर तक पानी के संपर्क में रहेंगे। और कान को खुला रहने देंगे तब फिर यह पानी कान के मैल को गलाकर या फुलाकर अंदर जाने का रास्ता बना ही लेगा। जिससे नवजात (navjaat) बच्चों को कुछ परेशानियां भी हो सकती है, कान में पानी जाने के कारण निम्न हो सकते है –




  • शिशु को नहलाना
  • अधिक देर तक नहाना
  • पानी से अधिक खेलना
  • अचानक पानी कान में जाना
  • गर्मी में पसीना आना
  • पसीना कान में जाना
  • पानी में अधिक तैरना
  • कानो को ढंके बिना तैरना
  • मुँह धुलते वक्त पानी जाना
  • शिशु को नहलाते समय

बच्चों के कान में पानी जाने से हानि
बच्चों के कान में पानी भरने से वैसे तो कोई खास हानि नहीं होती है। पर यदि यह पानी अंदर कान की नलिका में अटक जाये। और कान की नलिका में भरा हुआ पानी जल्दी साफ न किया जाये। तो फिर कुछ प्रकार की समस्या हो सकती है। बच्चों के कान में पानी भरने से बच्चों में स्विमर्स ईयर (Swimmer’s ear) की समस्या या कान की नलिका में संक्रमण (इन्फेक्शन)का खतरा भी हो सकता है। जो की निम्न समस्याओं का कारण बन सकता है –


  • बच्चों के कान में पानी
  • बहरी कान में संक्रमण
  • कान की नलिका में सूजन
  • आंतरिक कान में सूजन
  • कान से बदबू आना
  • कान की नलिका में जलन
  • कान से गाढ़ा स्त्राव होना
  • बच्चों के कान में खुजली
  • आंतरिक कान में समस्या
  • बच्चों में साइनोसाइटिस
  • सावधानियां व रोकथाम

बच्चों के पानी में तैरने या नहाने से पहले और बाद में कुछ सावधानियां (savdhani) रखकर, और उनके कान में पानी जाने से रोक कर, आप उनको कान में होने वाली कई बिमारियों (bimariyon) से सुरक्षित रख सकते है। और साथ ही अपने नन्हे-मुन्हों को दर्द या तकलीफ (takleef) से भी बचा सकते है, इसके लिए बस आप उन्हें –


  • बच्चों के कान में पानी
  • पानी में देर तक न तैरने दें
  • अधिक देर तक न नहलाएं
  • नहलाते समय कान में पानी न डालें
  • नहाने की टोपी (स्विम कैप) पहनाएं
  • कान में ईयरप्लग लगाएं
  • सिर के ऊपर से पानी न डालें
  • सिर को पानी में न डूबाने दें
  • बच्चों के कान ठीक से ढंके

बच्चों के कान से पानी निकालने के तरीके
पानी में तैरते हुए या फिर नहलाते समय अगर आपके छोटे बच्चे के कान में अचानक (achanak) पानी चला जाये, तो आपको घबराने की जरुरत नहीं है। क्योंकि कुछ आसान तरीके है जिनसे आप अपने बच्चे के कान से पानी निकल सकते है। और यह तरीके बिलकुल सुरक्षित है, जिससे आपके बच्चे को कोई तकलीफ न हो, इसके लिए आप –

आपके बच्चे के जिस कान में पानी चला गया हो, उस कान की तरफ अपने बच्चे के सिर को तिरछा करे, और कुछ देर रहने दें। कुछ देर में पानी बहकर बहार आ जायेगा।
एक तकिये पर साफ़ कपडा बिछाकर अपने बच्चे को उस पर लिटाएं। और जिस कान में पानी गया हो उसे नीचे की तरफ कर दें। इस अवस्था में गुरुत्वाकर्षण बल से थोड़े समय पश्चात सारा पानी बहार आ जायेगा।
अपने बच्चे के कान पर एक ऊँगली रखें जिसमें पानी चला गया हो, फिर कुछ सेकेंड्स तक उसे हल्के से दबा कर दबाव (वैक्यूम) बनाये। फिर ऊँगली हटा दें, पानी बहार निकल जायेगा।
अगर आपका बच्चा बहुत छोटा नहीं है तो उसे अपना सिर जोर से घूमने को कहें। ऐसा करने से पानी आसानी से बहार आ जायेगा। पर बहुत छोटे बच्चों के साथ यह प्रक्रिया न करें।
बच्चे को जबड़ा हिलाने के लिए कहे, इसके लिए वो चबाने या उबासी लेने जैसी क्रिया कर सकता है। इससे कान के अंदर फसा हुआ पानी बहार आ जायेगा।
घरेलु नुस्खे या उपचार
1. अल्कोहल
अल्कोहल और विनेगर को बराबर मिलाकर एक मिश्रण बनायें फिर इसकी 2-3 बूँद बच्चे के उस कान में डालें जिसमें पानी गया हो। कुछ देर रहने दें फिर कान तिरछा करके इसे बहार निकल जाने दें। पर ध्यान रखें यदि बच्चे के कान में कोई संक्रमण चोट या कान का पर्दा फटने जैसी समस्या हो तो फिर इसका इस्तेमाल न करें।

2. जैतून का तेल
आप बच्चे के कान में जैतून का तेल भी डाल सकते है इसकी 2-3 बूँद कान से पानी को बहार निकाल देगी। इसके लिए तेल डालने के बाद कुछ समय तक रहने दें फिर शिशु (shishu) के कान तिरछा करके कान में से तेल को बहार निकाल दें।

निष्कर्ष व परिणाम
छोटे बच्चों के कान बहुत ही नाजुक होते है। इसलिए उनकी देखभाल भी नाजुक तरीकों से करनी चाहिए। जिससे उनके नन्हे कानों को कोई नुक्सान न पहुंचे क्योंकि बड़े लोगों के कान जो कुछ सहन कर सकते है। वो छोटे बच्चों के लिए कई गुना अधिक हो सकता है। इसलिए अपने नन्हे-मुन्हो के कानों का अतिविशेष ख़याल रखें जिससे वो बेहतर सुने व स्वस्थ रहें।