बच्चों को क्यों होता है डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर: लक्षण, कारण और इलाज
आपने शायद हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर बीमारी का नाम नहीं सूना होगा लेकिन आपको बता दे की यह एक खतरनाक मानसिक बीमारी है। क्या आपका बच्चा किसी काम में ध्यान नहीं लगा पाता है? क्या उस एक जगह पर बैठे रहने में परेशानी होती है? क्या उसके व्यवहार में कोई बदलाव आया है जैसे असावधानी, अधिक गुस्सा आदि?
एक रिसर्च के अनुसार भारत में लगभग 1।6% से 12।2% तक बच्चों में डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (ADHD) की समस्या पाई जाती है। इसे सामान्य शब्दों में ध्यान में कमी और अत्यधिक सक्रियता की बीमारी कहते है। जिस घर में अधिक तनाव रहता है या पढ़ाई पर हद से ज्यादा जोर दिया जाता है वहां के बच्चों में इस तरह की बीमारी अधिक पाई जाती है।
हालाँकि एक उम्र में बच्चे अधिक शैतानी करना। अटेंशन सीकर, ध्यान ना लगाना, बहुत ज्यादा एक्टिव रहना, एक जगह ना बैठना जैसी चीजे करते है और यह उनकी उम्र में यह सब सामान्य बात है। लेकिन अगर यह चीजे हद से ज्यादा हो रही है तो यह डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर के लक्षण हो सकते है।
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर बीमारी के लक्षण 7 साल की उम्र से पहले दिखाई देने लग जाते है। अगर सही समय पर इनका इलाज ना हो तो यह लक्षण बढ़ते जाते है और एक वक्त बाद गंभीर बीमारी का रूप ले लेते है। आईये जानते है डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर के लक्षण और कारण क्या है तथा इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर क्या है? | Deficit Hyperactivity Disorder
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर दिमाग से संबधित एक बीमारी है जो बच्चों और बड़ो दोनों में हो सकती है। ज्यादातर यह बीमारी बच्चों में अधिक होती है। इस बीमारी के होने पर बच्चे के व्यवहार में बदलाव आने लगते है। कई बार तो उनकी स्मरण शक्ति भी कमजोर होने लगती है और वे चीजों पर ध्यान नहीं लगा पाते है। समय के साथ-साथ यह बीमारी बढ़ने लगती है, इसलिए इसका इलाज समय पर कारण बहुत जरुरी है।
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर के लक्षण | Symptoms of ADHD in Children in Hindi
- एक जगह ना बैठना और बार-बार भागते रहना
- सीधे-सीधे ना बैठना और बैठने पर अपनी जगह से हिलते रहना और कुछ ना कुछ करते रहना
- किसी चीज पर ध्यान ना लगा पाना
- किसी चीज को याद करने में दिक्कत होना
- शांत ना रहना
- बहुत ज्यादा बात करना
- दूसरों के काम में दखल देना और उन्हें परेशान करना
- आसानी से डिसट्रैक्ट हो जाना
- काम को पूरा खत्म ना करना और आधा-अधूरा काम छोड़ देना
- अधिक गुस्सा करना और चिल्लाना
- एक काम के पूरा होने से पहले ही बीच में दूसरा काम करना शुरू कर देना
- चीजे फेंकना
- कई बार गुमसुम बैठे रहना
- अपने ही काम में खोये रहना
- किसी के निर्देश की पालना ना करना
- किसी की भी बात को ना सुनना और ना मानना
- स्कूल, घर और हर जगह पर गलतियाँ करना
- अपना होमवर्क ना करना या भूल जाना
- हमेशा उदास रहना और कुछ ना कुछ सोचते रहना
- छोटी सी बात पर चिढ़ जाना
- किसी भी चीज को लेकर संयम ना होना
- आसानी से विचलित हो जाना
- काम पर ध्यान लगाने में कठिनाई होना
- नया सीखने में कठिनाई होना
- बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देना
- सवाल पूरा होने से पहले जवाब देना
- मना करने के बावजूद भी गलत काम करना
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर के कारण | Causes of Deficit Hyperactivity Disorder in Hindi
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर बीमारी का मुख्य कारण क्या है इसका अभी कोई पता नहीं चला है। लेकिन जानकारों और विशेषज्ञों का मानना है की इसके निम्न कारण हो सकते है :-
- शरीर में हार्मोनल बदलाव
- जंक फ़ूड का अधिक सेवन
- ओइली चीजों का अधिक सेवन
- आनुवांशिकता
- समय से पहने जन्म लेना
- सिर में कोई गंभीर चोट,
- घर में तनाव का माहौल
- पढ़ाई को लेकर बच्चों पर ज्यादा दबाव बनाना
- गर्भावस्था के दौरान माँ का शराब पीना
- कुछ जहरीले पदार्थ जैसे सीसा के सम्पर्क में आने से
डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर का इलाज | Treatment for ADHD
- सही एजुकेशन और पूरा सपोर्ट देने से बच्चों को सँभालने में मदद मिलती है।
- बच्चों को नई-नई क्रिएटिव चीजें सिखाने में मदद करें।
- जो बच्चे इस बीमारी से पीड़ित है उन्हें अधिक समय दे, प्यार से बात करें और हर चीज का टाइम टेबल फिक्स करें।
- जो बच्चे डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर बीमारी से पीड़ित होते है उनकी क्षमताओं का पता लगाना आसान नहीं होता है। ऐसे में उनकी शक्तियों का पता लगाने की कोशिश करें और बेहतर परिणामों के लिए उनकी क्षमताओं पर ध्यान दे।
- बच्चों की किसी गलती पर अग्रेसिव होने की बजाय उन्हें पर से समझाएं और उस गलती के नुकसान बताएं।
- बच्चों के अच्छे काम की तारीफ करें और उन्हें इनाम दे। इससे बच्चे का व्यवहार पॉजिटिव होने लगेगा।
- अगर आपके बच्चे को अधिक गुस्सा आ रहा है या वो अपना आपा खो रहा है तो उस अन्य किसी एक्टिविटी में बिजी कर दे।
- बच्चे के दोस्तों को घर बुलाएँ। इससे बच्चों को मिलने-जुलने में आसानी होगी।
- घर में तनाव का माहौल ना रखें। बच्चा घर में हो तो लड़े ना।
- कोशिश करें की बच्चा खुद पर से नियन्त्रण ना खोएं।
- अपने बच्चे को अच्छी नींद सोने दे। अगर बच्चा सो रहा है तो पास में कोई रोमांटिक एक्टिविटी ना करें।
- बच्चे में डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर के किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर मनोचिकित्सक से तुरंत सम्पर्क करें, क्योंकि यह पूरी तरह से मानसिक बीमारी है। इस बीमारी का कोई टेस्ट नहीं होता। इस बीमारी का इलाज बच्चों के व्यवहार के आधार पर किया जाता है।
बच्चो के शुरूआती इलाज में उन्हें माइंड को रिलेक्स करने की दवाई दी जाती है लेकिन ज्यादा ध्यान उनके व्यवहार के अनुसार ट्रीटमेंट पर दिया जाता है।
इस बीमारी के लिए डॉक्टर साइकोथैरेपी, बिहेवियरल थैरेपी, डांस थैरेपी और प्ले थैरेपी का सहारा लेते है।
बच्चों को जंक फ़ूड और अधिक ओइली चीजों से दूर रखें।
आपने आज की इस पोस्ट में डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या है तथा इसका इलाज कैसे किया जा सकता है के बारे में जाना है। उम्मीद करता हु की आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और कमेंट बॉक्स में अपने विचार दे ताकि हम आगे भी ऐसी अच्छी से अच्छी पोस्ट आपके बीच ला सके।
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